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सफलता

Mera Blog
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प्रत्येक व्यक्ति के मन में यह आकांक्षा होती है कि उसका बेटा या बेटी उससे दो कदम ही सही मगर आगे निकले या सफल हो.किसी की यह इच्छा पूरी होती है किसी की नहीं.जो सफल हो जाता है उसको भाग्यवान, किस्मत का धनी, और न जाने कितनी उपाधियों से सम्मानित कर दिया जाता है. असफल अपनी किस्मत को कोसकर रह जाता है.किस्मत को कोसने के साथ ही असफल व्यक्ती को निराशा घेर लेती है और वह अपनी अगली असफलता की ओर एक और कदम बढ़ा देता है.
सफलता या असफलता आपके भाग्य का योगदान कम आपके कर्मों का ज्यादा होता है.बच्चा एक कच्ची मिट्टी के समान होता है जिसको जिस रूप मै ढाला जाये ढल जाता है. यह माता-पिता पर निर्भर करता है कि वह उसको कैसा बनाते हैं. (यहाँ मेरा कहने का तात्पर्य यह कतई नहीं है कि हम जानबूझकर अपने बच्चे को खराब बनाते हैं.)यह जिम्मेदारी माँ पर अधिक होती है चाहे वह कामकाजी हो या घरेलु क्यूंकि प्रकृति के आधार पर वह बच्चे के अधिक नजदीक होती है.उसमें पिता की अपेक्षा ज्यादा ममता होती है. इसी ममता के वशीभूत होकर अक्सर वह बच्चे की गलतियों को छिपा जाती है जो गलत है. यदि गलती पर ना समझाया जाए और उस गलती को छुपाया जाये तो हम अनजाने में बच्चे को उस गलती के लिए प्रोत्साहित कर देते हैं.सहसा एक घटना याद आ गई:-
एक बार एक लूटमार करने वाले व्यक्ती को सजा सुनाई जा रही थी.उससे पूछा गया आपको कुछ कहना है? वह बोला,”जज साहब मेरे साथ मेरी माँ को भी सजा दीजिए. जब मैं अपने स्कूल से पेन्सिल,पेन,इत्यादि चुराकर लाता था तो माँ मुझसे कुछ नहीं कहती थी”.
बहुत से घरों में बच्चों के नंबर कम आने पर भी ज्यादा बताये जाते है.इससे बच्चे की आत्मसुधार की भावना प्रभावित होती है.बच्चों को प्रतिस्पर्धा करना तो सिखा देते हैं लेकिन उस प्रतिस्पर्धा मै आगे कैसे निकले यह नहीं सिखा पाते जिसके कारण बच्चे बड़े होकर या तो अपना काम निकालने के लिए गलत रास्ते अपनाते हैं या सुसाइड भी कर लेते हैं.
कई महिलाओं को सीरियल के नाम तो याद रहते हैं लेकिन बच्चे ने स्कूल में क्या पढाया गया या उसने स्कूल में क्या किया, नहीं मालूम होता.सीरियल कभी-कभार मनोरंजन के लिए देखना ठीक है लेकिन रोज़ की आदत गलत है.यदि आप बच्चे को पढ़ने के लिए बोलकर अपना सीरियल देखने लगतीं है तो बच्चे का मन भी पढाई में नहीं लगता.
बहुत से माता पिता बच्चों के इम्तहान शुरू होने पर घर का केबल कटवा देते हैं और न जाने क्या-क्या बंदिशें लगा देते हैं. वह इम्तहान को एक हौवा बना देते हैं.मेरी नज़र मै यह गलत है.
यदि किसी का बच्चा सफल नहीं हो पाता तो अक्सर मातापिता कहते हैं, इसके लिए मैंने क्या नहीं किया.वास्तव में आपने बहुत कुछ किया है लेकिन अधूरे मन से, यदि आप पूरे मन से करते तो आप और आपका बच्चा जरूर सफल होता.
निम्न कुछ बातों पर अमल करके आप आपने बच्चे को सफलता की सीढ़ी पर चढने में मदद कर सकते हैं:-
१.सबसे पहले तो अपने बच्चे की सामर्थ
एवं रूचि को पहचान कर एक दिशा निर्धारित करें.
२.उससे टाइम-टेबल बनाने को कहें जिसमे पढ़ने के साथ-साथ खेलने का भी टाइम होना चाहिए.यदि उसने पूरे हफ्ते टाइम-टेबल फौलो किया हो तो हफ्ते के आखिर में उसको पुरस्कृत
करें. इससे उसका आत्म-विशवास बढ़ेगा.
३.साथ ही साथ अपनी प्राथमिकता में बच्चे को रखें.बच्चों के इम्तहान के आस-पास यदि कोई आपके घर आने या मिलने-जुलने का प्रोग्राम बनाये तो उसको टालना भी सीखें.
४.बच्चों को पढाई करने के लिए डांटे या मारें नहीं बल्कि उनके थोड़ा सा समझदार हो जाने पर धीरे-धीरे उन्हें उनका भला-बुरा समझाएं.
५.बच्चे की पढाई के दौरान टीवी देखने के बजाय यदि आप कोई मैगज़ीन लेकर उनके साथ पढ़ने बैठ जाएँ.इसके अलावा यदि आप हाउस वाईफ हैं तो घर बैठे कोई न कोई कोर्स कर सकतीं हैं या अपनी पढाई को और आगे बढा सकतीं है जिससे घर में पढाई का माहौल बनेगा और आपकी भी योग्यता बढ़ेगी.
६.बच्चे को जिस क्षेत्र में जाना हो उसको लक्ष्य बनाएँ.इस लक्ष्य को पाने के लिए क्या-क्या तैयारियां करनी है बच्चा जब पांचवी या छठी कक्षा में हो तभी से निर्धारित करें.
७.बच्चे को स्वास्थयवर्धक एवं पौष्टिक खाना ही खिलाएं.ज्यादा गरिष्ठ एवं तला-भुना भोजन से बच्चे को नींद ज्यादा आयेगी.उसकी पढाई पर बुरा असर पड़ेगा.
८.बच्चे को ७ घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए.
९.बच्चे को कभी भी जबरदस्ती पढ़ने ना बैठाए.
१०.जहाँ तक संभव हो छोटी कक्षाओं में बच्चों को ट्यूशन की आदत ना डालें. बड़े होने पर यदि कम्पटीशन के लिए वह कोई कोंचिंग लेना चाहता है तो ना रोकें.
११.बच्चे के समक्ष कोई भी ऐसा व्यवहार ना करें जिसको आप नहीं चाहते कि आपका बच्चा अपनाये.
१२.पिता को चाहिए कि अपने अतिव्यस्त समय से थोड़ा समय बच्चे के लिए भी निकालें. उसकी समस्याएं सुने और अपने सुझाव दें.
यदि आप इन बातों का आप ध्यान रखेंगे तो लोग आपको भी भाग्यवान की उपाधी से सम्मानित करेंगे.आप भी कच्ची मिटटी से एक सुंदर मूर्ती बनाने में सफल हो जायेंगे.

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